नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। रक्षा प्रदर्शनी में किसी बड़ी ‘डील’ की आस में भारत आए वेक्ट्रा समूह के मुखिया रवि ऋषि फिलहाल यहीं ‘सील’ हो गए हैं। सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह के टाट्रा ट्रक खरीद में भ्रष्टाचार पर लाल झंडा उठाने के मामले की जांच में जुटी सीबीआइ ने ऋषि के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। जांच एजेंसी ने दो दौर की पूछताछ के बाद उनके खिलाफ लुक-आऊट नोटिस जारी कर दिया है।
सीबीआइ ने सभी हवाई अड्डों और देश से बाहर जाने वाले रास्तों पर अलर्ट जारी कर दिया है, ताकि ऋषि मुल्क छोड़कर न जा सकें। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि वेक्ट्रा समूह प्रमुख से अगले एक-दो दिन में फिर पूछताछ संभव है। उल्लेखनीय है कि सीबीआइ ने टाट्रा ट्रक खरीद की जांच की प्राथमिकी में आरोपी बनाए गए ऋषि से शनिवार शाम को दूसरे दौर की पूछताछ की थी।
वेक्ट्रा समूह के प्रमुख से सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम बीईएमएल को 1997 से लेकर अब तक हुई टाट्रा ट्रकों की बिक्री के सौदों को लेकर सवाल किए जा रहे हैं। सीबीआइ के सवालों में जोर ट्रकों के मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया को लेकर है। महत्वपूर्ण है कि वेक्ट्रा समूह पर टाट्रा ट्रकों को करीब दोगुने मार्जिन पर बीईएमएल को बेचने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार मामले में बीईएमएल, रक्षा मंत्रालय और सेना के कुछ अधिकारियों से भी पूछताछ संभव है।
इस बीच रवि ऋषि खुद पर लगे आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा टाट्रा ट्रकों की गुणवत्ता के आरोपों को नकार चुके हैं। बीईएमएल के प्रमुख वीआरएस नटराजन ने टाट्रा ट्रकों को बेमिसाल बताते हुए सेनाध्यक्ष की ओर से उठाए गए सवालों को खारिज किया है।
विवाद की बुनियाद
सेनाध्यक्ष ने बीते सप्ताह एक साक्षात्कार में न केवल टाट्रा ट्रकों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे, बल्कि अतिरिक्त ट्रकों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूर करने के लिए एक सेवानिवृत्त अधिकारी द्वारा रिश्वत की पेशकश का भी रहस्योद्घाटन किया था। सेना प्रमुख ने सीबीआइ को भेजी शिकायत में आरोप लगाया था कि लेफ्टिनेंट जनरल [सेवानिवृत्त] तेजिंदर सिंह ने उन्हें ‘दोयम दर्जे’ के ट्रकों की खरीद को हरी झंडी दिखाने के बदले रिश्वत देने की पेशकश की थी। मामले में सेनाध्यक्ष ने कुछ और भी सबूत उपलब्ध कराने का जांच एजेंसी को भरोसा दिया है। हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह सेना प्रमुख तथा कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर चुके हैं।
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