आई आर डी ई (IRDE), DRDO देहरादून में इस माह एक नये निदेशक डॉ एस एस नेगी ने पदभार संभाला है और उनके कार्यकाल के आरम्भ में पहले आयोजन में कर्मचारियों के बीच सर फुटवल व् अराजकता का माहौल होना प्रबंधन के असफलता का प्रमाण लगता है।
परन्तु यथार्थ में एक दिन पहले डी जी श्री एस एस सुंदरम का यंहा पर मौजूद होना और अगले दिन कर्मचारियों द्वारा अराजकता का माहौल पैदा करना एक सोची समझी साजिश लगती है।
डॉ एस एस नेगी एक निहायत ईमानदार व्यक्ति है और योग्य भी हैं उनका निदेशक बनना DRDO में एक चमत्कार के सामान है।
डी जी श्री एस एस सुंदरम ने अपने क्लस्टर में अभी हाल में तीन डायरेक्टर्स की नियुक्ति करी बाकि दोनों नियुक्ति में डी जी श्री एस एस सुंदरम न ही वरिष्ठता का ख्याल रखा न ही योग्यता का ख्याल रखा सिर्फ और सिर्फ चाटुकारिता ओ अन्य गुणों के आधार पर नियुक्ति करी जिसका की सारा DRDO गवाह है।
आई आर डी ई (IRDE), DRDO देहरादून के इतिहास में पहले भी ऐसा हुआ था कि योग्य व् वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ डी पी जुयाल को दरकिनार करके एक ऐसे व्यक्ति को निदेशक बनाया गया था जोकि IRDE से संबधित विषय ऑप्टिक्स से कतिय परे था। जिसकी की बहुत ही भर्त्सना की गयी थी और मामला हाई कोर्ट में भी पहुँचा था स्थानिय लोगो में भी इस बात के लिए DRDO मैनेजमेंट उस कदम को भाई भतीजा वाद के रूप देखा था।
डॉ एस एस नेगी जैसे ईमानदार, योग्य व् स्थानिय को श्री एस एस सुंदरम और DRDO मैनेजमेंट ने मजबूरी में बनाया। परन्तु अपने पिछलगु व् असमाजिक तत्वों के सहारे से डॉ एस एस नेगी को अस्थिर करने की श्री एस एस सुंदरम व् अन्य IRDE के भ्रष्ट अधिकारियो की मिलीभगत है।
हम देहरादून निवासी श्री एस एस सुंदरम व् अन्य IRDE के भ्रष्ट अधिकारियो से निवेदन करते है ईमानदार लोगो से दूर ही रहे और DARE में ऊपर नीचे मंजिलो में मजे करते रहे और IRDE में ऐसी अराजकता न होने दे।
subhash says
We have to support the honest persons.