अरुणेश पठानिया । अमर उजाला। बुधवार । 25 जून 2014
देहरादून। डीआरडीओ में वैज्ञानिकों की भर्ती में हुई धांधली में गाज गिरनी शुरू हो गई है। फर्जीवाड़े से संस्थान में नौकरी पाने वाली वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक टी चंद्रा बानु को हटा दिया गया है। इस मामले में सेंट्रल विजलेंस कमीशन (सीवीसी) की जांच रिपोर्ट के बाद 2013 में तात्कालिक रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। डीआरडीओ ने महिला वैज्ञानिक की नियुक्ति समाप्त करने की पुष्टि तो की लेकिन कारणों का उल्लेख नहीं किया है।
पिछले साल सीवीसी को शिकायत मिली थी कि डीआरडीओ के दो पूर्व प्रमुख सहित कुछ वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने अपने रिश्तेदारों को वैज्ञानिक पद पर नियुक्ति देने में नियमों को नजरअंदाज किया है। इस मामले में तीन महिला वैज्ञानिकों की नियुक्ति पर सवाल उठाए गए थे। सीवीसी ने तीन महिला वैज्ञानिकों की नियुक्ति में अपनाई प्रक्रिया की जांच की, जिनके रिश्तेदार पहले से डीआरडीओ में वरिष्ठ पदों पर तैनात थे। हालांकि जिन अधिकारियों पर आरोप हैं उनमें से अधिकांश संस्थान से रिटायर हो चुके हैं। जांच के बाद नियुक्ति में नियमों को नजरअंदाज करने की रिपोर्ट सीवीसी ने बीते वर्ष दी थी। रिपोर्ट में शिकायतों में दिए गए तथ्यों को सही ठहराया गया था, जिसके बाद नवंबर 2013 में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
डीआरडीओ के निदेशक और प्रवक्ता रवि कुमार गुप्ता को महिला वैज्ञानिक टी चंद्रा बानु को हटाने के संबंध में भेजी ई-मेले के जवाब में उन्होंने इसकी पुष्टि की है। गुप्ता ने लिखा है कि संस्थान ने महिला वैज्ञानिक टी चंद्रा बानु की डीआरडीओ की नियुक्ति समाप्त कर दी है।
रिश्तेदारों को नियुक्ति देने में नियमों को ताक पर रखने का आरोप लगा था शिकायत मिलने के बाद सीवीसी ने जांच कर दी अपनी रिपोर्ट तात्कालिक रक्षा मंत्री ने दिए थे सीबीआई जांच के आदेश
क्या है जांच रिपोर्ट में
जिस महिला वैज्ञानिक की नियुक्ति समाप्त की गई है उसकी में उम्र, शैक्षणिक योग्यता, अनुभव के नियमों में रियायत देने की सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है। 2008 में महिला वैज्ञानिक के पति डीआरडीओ में एक उच्च पद पर तैनात थे उसी समय उसे साइंटिस्ट एफ पद पर नियुक्ति दी गई थी। इसके अलावा दो अन्य महिला वैज्ञानिकों की नियुक्ति में अनियमितताएं बरतने का आरोप है। मामला अभी सीबीआई में विचाराधीन है, लेकिन डीआरडीओ ने आरोपियों की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नियुक्ति में नियमों को नजरअंदाज करने की रिपोर्ट सीवीसी ने बीते वर्ष दी थी। रिपोर्ट में शिकायतों में दिए गए तथ्यों को सही ठहराया गया था, जिसके बाद नवंबर 2013 में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। डीआरडीओ के निदेशक और प्रवक्ता रवि कुमार गुप्ता को महिला वैज्ञानिक टी चंद्रा बानु को हटाने के संबंध में भेजी ई-मेले के जवाब में उन्होंने इसकी पुष्टि की है। गुप्ता ने लिखा है कि संस्थान ने वैज्ञानिक टी चंद्रा बानु की डीआरडीओ की नियुक्ति समाप्त कर दी है।
Jay Ho says
Very good news for corrupt scientist law bee who was joint service through Jack pot in DRDO now another member was waiting Big boss Girls
Jai ho says
Kar bhala ho bhala…… Kar bura ho….. Bhagwan ke ghar der hei andher nahi. Seem many more will come out in future.
Leder says
Large number employees in DRDO was fit for fake & forge submit for joint service in this connection No.1 Lab in Pune HEMRL there some admin allied cadre employees submit forge document but HEMRL management not disclose the matter some case verify through CBI
vikash says
Thank GOD, Ab DRDO ke achache din aane wale hai….