जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: एक माह पहले ही विस्तार पाए राष्ट्रीय रक्षा अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) के प्रमुख अविनाश चंदर को हटा दिया गया है। तमाम बड़ी शिकायतों के पक्ष में सुबूत जाते देख प्रधानमंत्री कार्यालय ने तत्काल चंदर को हटाने का फैसला लिया। चंदर को अभी दिसंबर में ही रिटायर होने के बाद सेवा विस्तार दिया गया था। दूर की मार करने वाली अग्नि मिसाइलों के निर्माण में चंदर की बड़ी भूमिका मानी जाती रही है।
अब प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नियुक्ति समिति ने उनका कांट्रेक्ट रद कर हटाने का फैसला लिया है। कांट्रेक्ट खत्म होने के 15 महीने पहले ही 31 जनवरी को उन्हें पद से हटना पड़ेगा। इस अवधि तक वह पीएमओ से संबद्ध रहेंगे। अग्नि मिसाइल को विकसित करने में अहम भूमिका निभाने वाले अविनाश चंदर पिछले साल 30 नवंबर को रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के महानिदेशक पद से सेवानिवृत हो गए थे। उन्हें 18 महीनों के कांट्रैक्ट पर डीआरडीओ के महानिदेशक पद का कार्यभार संभाले रखने को कहा गया था। उनका नया कार्यकाल 31 मई 2016 को खत्म होना था। लेकिन उन्हें बीच में जाना होगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों में जहां डीआरडीओ में कुछ अनियमिताओं की खबरें आई थीं। विश्लेषक अविनाश चंद्र को हटाए जाने के पीछे प्रधानमंत्री के उस वक्तव्य को भी देखते हैं जिसमें उन्होंने कामकाज को लेकर असंतोष जताया था और कहा था कि कोई शिथिलता नहीं चलेगी। सूत्रों के मुताबिक वैज्ञानिक जमात की अंदरूनी सियासत भी चंदर की विदाई में जिम्मेदार मानी जा रही है।
उनके खिलाफ नियुक्तियों में अनिमियतताएं व वरिष्ठों की मनमाने तरीके से प्रोन्नति के मामले भी थे। अभी हाल में ही क्रूज मिसाइल निर्भय का टेस्ट जल्दी में बिना पूरी तैयारी के करने का आरोप भी उन पर लगा था। सूत्रों के मुताबिक इस परीक्षण के आंकड़े चंदर के दावे के विपरीत गए।जमात की अंदरूनी सियासत भी चंदर की विदाई में जिम्मेदार मानी जा रही है। उनके खिलाफ नियुक्तियों में अनिमियतताएं व वरिष्ठों की मनमाने तरीके से प्रोन्नति के मामले भी थे। अभी हाल में ही क्रूज मिसाइल निर्भय का टेस्ट जल्दी में बिना पूरी तैयारी के करने का आरोप भी उन पर लगा था। सूत्रों के मुताबिक इस परीक्षण के आंकड़े चंदर के दावे के विपरीत गए।
Prahalad N T says
Decision taken has brought down the morale of entire DRDO community.