सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों को बिना अनुमति लिए मनमर्जी से सेवा विस्तार देने पर रोक लगा दी है। पिछले शुक्रवार को जारी आफिस मेमोरेंडम में सेवा विस्तार देने के पहले प्रधानमंत्री की अगुआई वाली नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (एसीसी) की मुहर लेना अनिवार्य कर दिया है। इसके पहले प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों को संप्रग सरकार के मंत्रियों के निजी स्टाफ के रूप में काम कर चुके अधिकारियों को निजी सचिव और ओएसडी रखने पर रोक लगा दी थी।
कार्मिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों को बिना एसीसी की अनुमति के सेवा विस्तार देने की परंपरा सी बन गई थी। सेवा विस्तार देने के बाद उसे एसीसी के पास मंजूरी के लिए भेजा जाता था। यही नहीं, कई बार एसीसी के पास अंतिम समय में सेवा विस्तार के लिए फाइल भेजी जाती थी और समय पर कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में अस्थायी तौर पर सेवा विस्तार दे दिया जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया है कि बिना एसीसी से पूर्व मंजूरी लिए किसी भी सेवानिवृत अधिकारी को सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा।
नई व्यवस्था के तहत सभी मंत्रालय और विभागों को सेवा विस्तार की अनुमति की फाइल एसीसी के पास संबंधित अधिकारी के सेवानिवृत होने से दो महीने पहले भेजना होगा। ताकि एसीसी में उस पर विस्तार से विचार किया जा सके।
कार्मिक मंत्रालय के अनुसार यदि मंत्रालय किसी अधिकारी एसीसी की अनुमति मिलने के पहले दिया गया सेवा विस्तार अवैध होगा और संबंधित अधिकारी को सेवानिवृत माना जाएगा। बता दें कि एससीसी में प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह सदस्य हैं। पहले संबंधित मंत्रालय के मंत्रियों को भी एसीसी में शामिल किया गया था, लेकिन मोदी सरकार में एसीसी में उन्हें जगह नहीं मिली है।
Aam Aadmi of DRDO says
Mostly all big corrupt setting in DRDO Hq and getting service extension whitnout corruption extension was not possible in DRDO.remove this type of corrupt in DRDO they are deny DOPT orders for personnel benefit.