विषय : डीआरडीओ की कानपुर स्थित डी एम एस आर डी ई, लैब में वयाप्त भ्रष्टाचार के सन्दर्भ में
अब तक रक्षा मंत्री के पद संभालने पर आपको आपके अधिकारियों ने डी आर डी ओ में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में अवगत करा दिया होगा और पिछले सालो से भ्रष्टाचार व्भाई भतीजा वाद के शिकायतों का अम्बार भी दिखा दिया होगा I
डी आर डी ओ द्वारा 10000 करोड़ हर साल खर्चने के बाद भी हारपून मिसाइल अमेरिका से खरदीने की सेना की मजबूरी से अपने अंदाजा लगा लिया होगा की डी आर डी ओ किस दिशा में जा रहा है I
सर क्या आपको 40 दिनों के दौरान एक भी सैन्य अधिकारी मिला जिस ने डी आर डी ओ की वकालत की और आप के मंत्री पूर्व सेनाध्यक्ष श्री वी के सिंह का डी आर डी ओ के प्रति क्या आंकलन है I
डीआरडीओ में व्याप्त भ्रष्टाचार ख़त्म करने के लिए आपको कठोर कदम उठाने होंगे जिससे इस महत्वपूर्ण संस्थान को प्रोडक्टिव बनाया जा सके I
इसी सन्दर्भ में आपको सूचित करना है कि पिछले कुछ महीनो से डी आर डी ओ की कानपुर स्थित डी एम एस आर डी ई लैब में वयाप्त भ्रष्टाचार की दर्जनो शिकायतों बाद एक फैक्ट फाइंडिंग इन्क्वायरी समिति द्वारा जाँच की गयी और मामले को रफा दफा करने का प्रयत्न करते हुए दो शिकायतकर्ता वरिष्ठ वैज्ञानिको का तबादला कर दिया गया, तबादलों के पीछे भ्रष्टाचार का खुलासा करना वजह बताते हुए दोनों वैज्ञानिकों ने कैट में याचिका दायर कर दी।
सर, आश्चर्य की बात है कि जंहा एक ओर आज अमर उजाला कानपूर 8 जुलाई 2014 के हवाले से डॉ. रवि कुमार गुप्ता, निदेशक (पब्लिक इंटरफेस, डीआरडीओ) कहना है कि डी आर डी ओ की इंटरनल इनक्वायरी में सारी शिकायतें फर्जी पाई गई हैं। (यंहा एक बात और स्पष्ट करनी है कि डी आर डी ओ में मीडिया मैनेजमेंट के लिए हर साल लगभग २ करोड़ का बजट रखा जाता है क्या मंत्री महोदय इस बात को संज्ञान में लेंगे )
वंही दूसरी ओर डी आर डी ओ ने एक और फैक्ट फाइंडिंग इन्क्वायरी समिति का गठन करते हुए डा. डी सी पाण्डेय, वैज्ञानिक-एच,एल आर डी इ,बैंगलोर,चेयरमैन तथा सदस्य श्री हरीबाबू श्रीवास्तव, निदेशक, लेसटेक , दिल्ली श्री जगदीप , साइंटिस्ट , ऍफ़ व्श्री आर एस मेहता , जॉइंट डायरेक्टर , विजिलेंस एंड सिक्योरिटी , डीआरडीओ हेडक्वाटर को दिनाक 9 व् 10 जुलाई 2014 से इन्क्वायरी हेतु नियुक्त् किया है I
श्री हरीबाबू श्रीवास्तव निदेशक लेसटेक, दिल्ली के मूवमेंट आर्डर (No 027/V&S/Mov/LASTEC dated 2/7/2014 ) में स्पष्ट लिखा है “To attend meeting on Fact Finding Inquiry(FFI) Committee at DMSRDE, Kanpur”
डी आर डी ओ कैट में शपथपत्र द्वारा कह चूका है कि डीआरडीओ की इंटरनल इनक्वायरी में सारी शिकायतें फर्जी पाई गई हैं।तो दिनाक 9 व् 10 जुलाई 2014 में फैक्ट फाइंडिंग इन्क्वायरी समिति
किसकी इन्क्वायरी करेगी या डा ऐ के सक्सेना निदेशक, डी एम एस आर डी ई के साथ बैठ कर देश के गरीब करदाताओं के पैसे से दावते करेंगे I
ये नई फैक्ट फाइंडिंग इन्क्वायरी का गठन यह साबित करता है की पहली फैक्ट फाइंडिंग इन्क्वायरी समिति का उपयोग केवल शिकायतकर्ता वरिष्ठ वैज्ञानिको सबक सिखाने के उद्देश्य से किया गया था असलियत में समिति एक ढकोसला थी I
असलियत में डा ऐ के सक्सेना निदेशक , डी एम एस आर डी ई लैब ,कानपुर द्वारा की गयी खरीदारियों में अनियमताओं के ढेर सारे सबूत उपलब्ध है जिनका कि कोई जबाब नहीं है I और डी आर डी ओ के भ्रष्ट अधिकारी, डा ऐ के सक्सेना को बचानें की बेकार कवायद कर रहे है I वे भूल रहे है कि अबकी सरकार भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी I
फ्यूम हुड केस के सप्लाई आर्डर को निरस्त कर दिया गया है I
डा ऐ के सक्सेना के व् मंगलम ट्रेडर्स के ईमेल का कोई स्पस्टीकरण नहीं है I
अतः उपरोक्त तथ्यों से साबित होता है कि एक ओर जंहा शिकायतकर्ता वरिष्ठ वैज्ञानिको का उत्पीड़ित करना डीआरडीओ का मकसद था वंही दूसरी ओर डीआरडीओ एक के बाद दूसरी फैक्ट फाइंडिंग इन्क्वायरी समिति बना कर टाइम पास कर रही है
अतःआपसेअनुरोध है कि डी आर डी ओ में चल रहे इस भ्रष्टाचार के प्रति ढुलमुल रवैये पर सख्ती से कार्यवाही करेI
धन्यवाद
प्रभु डंडरियाल 21-सुंदरवाला, रायपुर, देहरादून फ़ोन 0135- 2787750, मोबाइल – 9411114879, e-मेल id prabhudoon@gmail.com वेबसाइट www.corruptionindrdo.
सलग्न
- अमर उजाला कानपुर में दिनाक 8 जुलाई 2014 को प्रकाशित समाचार की प्रति लिपि
- हाईकोर्ट इलाहाबाद का आर्डर की प्रतिलिपि अभी कैट इलाहाबाद 11/07/2014 को अगली तारीख है
- डीएमएसआरडीई को कैट ने दी क्लीन चिट
No.1 says
Always No.1 in corrupt organization in India name was DRDO