- महानिदेशक ने रक्षा बजट में रिसर्च एंड डेवलपमेंट से अधिक आयात को तवज्जो देने पर जताई चिंता
- हथियारों के सेंसर देश में ही बनाने की योजना
देहरादून: तमाम रक्षा उपकरणों में सेंसर प्रणाली उसकी सटीकता को कई गुना बढ़ा देती है। अब तक सेंसर के लिए भारत फ्रांस व इजराइल समेत विभिन्न देशों पर निर्भर है। इस निर्भरता को खत्म करने के लिए रक्षा मंत्रलय ने देश में ही सेंसर तैयार करने का निर्णय लिया है। पत्रकारों से रूबरू डीआरडीओ के महानिदेशक अविनाश चंदर ने बताया कि रक्षा उपकरणों में अपने ही देश में निर्मित सेंसर लगाने के लिए करीब 700 करोड़ रुपये की योजना पर काम चल रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के महानिदेशक व रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार अविनाश चन्दर ने रक्षा बजट के विभाजन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा बजट में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के मामले में भारत फिसड्डी है। कुल रक्षा बजट का महज 5.5 फीसद हिस्सा ही आर-एंड-डी पर खर्च किया जा रहा है, जबकि 25 फीसद से अधिक बजट का प्रावधान विदेशों से रक्षा खरीद के लिए किया जा रहा है। इसका प्रतिकूल असर देश के रक्षा अनुसंधान पर पड़ रहा है। उन्होंने इंडियन सोसाइटी ऑफ इंडिया के स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कही। बुधवार को राजधानी देहरादून स्थित यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (आइआरडीई) में ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रोऑप्टिक्स विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए डीआरडीओ प्रमुख ने स्वीकार किया कि अमेरिका, इजराइल, रूस, फ्रांस व चीन के मुकाबले रक्षा अनुसंधान में भारत को अभी लंबा सफर तय करना है। यह तभी हो पाएगा जब रिसर्च एंड डेवलपमेंट की तरफ विशेष ध्यान दिया जाएगा। चिंता की बात यह है कि इस मोर्चे पर देश बेहद पीछे चल रहा है। अपने देश में रक्षा बजट का महज 5.5 फीसद भाग आर-एंड-डी पर खर्च किया जाता है, जबकि चीन में यह दर 20 फीसद है। इसी अनदेखी के कारण रक्षा हथियारों की खरीद के लिए भारत को दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ता है। यदि हथियारों की खरीद के लिए रक्षा बजट के 25 फीसद हिस्से का बड़ा हिस्सा रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर लगाया जाए तो विदेशी सहायता की जरूरत नहीं पड़ेगी। सम्मेलन में डीआरडीओ के महानिदेशक (ईसीएस) एसएस सुंदरम, व ऑप्टिकल सोसाइटी के अध्यक्ष बीपी पाल ने माइक्रो ऑप्टिक्स, नैनो ऑप्टिक्स आदि पर विस्तृत व्याख्यान दिया। साथ ही कई रिसर्च पेपर भी प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर सोसाइटी की स्मारिका का विमोचन व ऑप्टिक्स व इलेक्ट्रॉऑप्टिक्स प्रदर्शनी, ऑप्टिकल व फैब्रिकेशन भवन का शुभारंभ भी किया गया। कार्यक्रम में आइआरडीई के निदेशक डॉ. एके गुप्ता, डॉ. एसएस नेगी, एलएन हाजरा, अनुराग शर्मा, अमिताभ घोष, अभय कुमार उपस्थित थे।
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