अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून।
आप्टिक्स और इलैक्ट्रो आप्टिक्स के क्षेत्र में फोटोनिक्स भविष्य में विज्ञान और तकनीक की दिशा बदल देगा। मौजूदा तकनीक से संचार के क्षेत्र में ठहराव की स्थिति बनी हुई है, जिसको फोटोनिक्स से ऐसी प्रणाली में बदला जा रहा है जिसमें एक सिंगल चिप कई टेरा बाइट डाटा को प्रकाश की गति से भेज सकेगी। सैन्य जरूरतों सहित चिकित्सा सहित अन्य कई क्षेत्रों में इससे क्रांति आ जाएगी। यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (आईआरडीई) में सम्मेलन रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार व रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक अविनाश चंद्रा ने नैनो और सिलिकान फोटोनिक्स पर आधारित माइक्रो चिप्स विकसित करने पर जोर दिया है।
चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर किया जा रहा है। ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रोऑप्टिक्स विषयक सम्मेलन में डीआरडीओ महानिदेशक अविनाश चंद्रा ने नैनो फोटोनिक्स के क्षेत्र में शोध तेज करने को कहा। सीमाओं की सुरक्षा के लिए उच्च गुणवत्ता युक्त सर्विलांस सिस्टम विकसित करने पर भी उन्होंने जोर दिया। उनका कहना था कि कई ऐसे सीमावर्ती क्षेत्र हैं जहां पर निगरानी के लिए चौबीस घंटे अत्याधुनिक सेटेलाइट सर्विलांस उपकरणों की जरूरत है। इससे पहले ऑप्टिक्स सोसाइटी आफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर बीपी पाल ने प्रकाशिकी व विद्युत प्रकाशिकी विषयक सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। महानिदेशक (ईसीएस) एसएस सुंदरम ने कहा कि मैग्नीशियम ग्लास, प्रिज्म, टेलीस्कोप से शुरू ऑप्टिक्स का सफर निरंतर आगे बढ़ना चाहिए। आईआरडीई के निदेशक डा. एके गुप्ता ने सम्मेलन में शिरकत कर रहे देश—विदेश के प्रतिनिधियों का स्वागत किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के प्रोफेसर अनुराग शर्मा, कोलकाता विवि के प्रोफेसर एलएन हजारा, डा. जेआर कृष्णमूर्ति, डा. ह्दयनाथ, प्रोफेसर जोबी जोसेफ, डा. के त्यागराजन समेत सम्मेलन में अमेरिका, सिंगापुर, फ्रांस, इटली, इजराइल, कोरिया आदि देशों के 600 रक्षा वैज्ञानिक, इंजीनियर व शोधकर्ता शिरकत कर रहे हैं।
नई प्रयोगशाला का किया उद्घाटन
रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार व डीआरडीओ के महानिदेशक ने ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की स्मारिका का विमोचन भी किया। इसके बाद उन्होंने ऑप्टिक्स व इलेक्ट्रोऑप्टिक्स तकनीकी पर विकसित रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। ऑप्टिक्स फाइबर के क्षेत्र में शोध कार्य करने के लिए आईआरडीई के नये प्रयोगशाला भवन का उद्घाटन भी उन्होंने किया।
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