सुमन सेमवाल, देहरादून-रक्षा अनुसंधान के सर्वोच्च डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की दून स्थित प्रयोगशाला डील (डिफेंस इलेक्ट्रानिक्स एप्लीकेशंस लैबोरेटरी) में हुए अग्निकांड की विभाग के स्तर पर हुई जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया। रक्षा मंत्रलय के निर्देश पर सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एन्वायरमेंट सेफ्टी (सिफीस) के तीन वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने नए सिरे से अग्निकांड की जांच भी शुरू कर दी है।1पिछले माह चार जनवरी रविवार को सुबह डील में आग की घटना सामने आई थी। अग्निकांड में अतिमहत्वपूर्ण इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेयरेंस इलेक्ट्रोमैग्नेट कंपेटिब्लिटी (ईएमआइईएमसी) टेस्टिंग लैब बुरी तरह जल गई थी। अग्निकांड की वजह व नुकसान के आंकलन के लिए संस्थान निदेशक ने इसकी जांच वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. वीपी दत्ता की अध्यक्षता वाली कमेटी को सौंपी। 12 जनवरी को इसकी रिपोर्ट निदेशक को सौंपी गई तो उसमें नुकसान का आंकलन 2.20 करोड़ रुपये आंका गया और घटना की वजह प्रथमदृष्ट्या शॉर्ट-सर्किट होना माना गया। विभाग के स्तर पर जांच के बाद सौंपी गई रिपोर्ट पर उठे सवालों को जागरण ने प्रमुखता उठाया था। सवाल उठा था कि जांच में सिफीस जैसी विशेषज्ञ एजेंसी को दरकिनार किया गया।1रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इन तथ्यों का न सिर्फ संज्ञान लेकर डील निदेशक को कड़ा पत्र लिखा, बल्कि सिफीस को नए सिरे से जांच के निर्देश भी दिए। सिफीस के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजीव नारंग, वीके शर्मा व एमके जैन ने अग्निकांड की जांच शुरू कर हर तथ्य को खंगालना भी शुरू कर दिया है। जानकारी यह भी सामने आई है कि घटना से पहले आखिरी बार लैब की चाभी डील के वैज्ञानिक चंदन कुमार के पास थी, लेकिन संस्थान की जांच में इस बात का जिक्र तक नहीं किया गया।
आग के इसी तरह के तमाम पहलुओं की गहनता से पड़ताल की जा रही है।
डील के स्तर पर जांच कराकर सौंपी गई थी रिपोर्ट
सिफीस के तीन वरिष्ठ वैज्ञानिकों को सौंपी गई नए सिरे से जांच
डील पहुंची टीम, अग्निकांड के तमाम पहलुओं की पड़ताल की जा रही
आइआरडीई के तकनीकी अधिकारी ने भी पीएमओ को पत्र लिखा-डीआरडीओ के दून स्थित एक और एजेंसी यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (आइआरडीई) के तकनीकी अधिकारी वीके गोयल ने जांच पर सवाल खड़े करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था।
उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रवींद्र जुगरान ने भी रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर अग्निकांड की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग उठाई थी।
इन प्रमुख उपकरणों को पहुंचा था आग से नुकसान-ईएमआइईएमसी टेस्टिंग लैब के अलावा हाल ही में जर्मनी से मंगाए गए ईएमआइ टेस्ट रिसीवर व टी-90 टैंक की फायर कंट्रोल यूनिट, डिजिटल ओस्लो स्कोप (करीब आधा दर्जन), एंप्लिफायर (12 से अधिक), स्टैंड एंटीना (विभिन्न फ्रीक्वेंसी के) व दर्जनों अन्य उपकरण।
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