दैनिक जागरण – 19 जुलाई 2014
एफडीआइ सीमा 49 फीसद करने का मकसद सर्वोत्तम तकनीक पाना – जेटली का जवाब :
- रक्षा खरीद के पांच मामलों की जांच कर रही सीबीआइ
- नई दिल्ली, प्रेट्र : रक्षा खरीद में अनियमितता से जुड़े पांच मामलों की जांच सीबीआइ को सौंपी गई है। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षो में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने नौ मामलों को जांच के लिए सरकार के पास भेजा जिनमें पांच की जांच सीबीआइ से कराई जा रही है। प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि पिछले तीन वर्षो में 19 युद्धक विमान और 11 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। इन हादसों में 24 जवान मारे गए। रक्षा मंत्री के मुताबिक सबसे ज्यादा नौ युद्धक विमान और चार हेलीकॉप्टर 2011-12 में दुर्घटना के शिकार हुए l
नई दिल्ली, प्रेट्र : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की दस प्रमुख परियोजनाएं विभिन्न कारणों से लटकी हुई हैं। इनमें हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस का निर्माण भी शामिल है। रक्षा क्षेत्र में 49 फीसद एफडीआइ का मकसद अपना नियंत्रण बनाए रखते हुए देश में सवरेत्तम तकनीक लाना है। लोकसभा को शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। 1डीआरडीओ की तय समय सीमा से पीछे चल रहीं परियोजनाओं का ब्योरा देते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि परियोजनाओं के पूरा होने में विलंब के मुद्दे के समाधान के लिए सुधारात्मक उपाय किए जा रहे हैं। और जो परियोजनाएं समय से पीछे हैं उनमें नौसेना के लिए हल्का लड़ाकू विमान (एनएलसीए), विमान इंजन कावेरी, बहुत दूरी पर विमान, जहाज या वाहनों का पता लगाकर लड़ाकू विमानों को सूचित करने और उन्हें हमला के लिए निर्देशित करने वाली रडार प्रणाली (एईडब्ल्यूएंडसी) व धरती से लंबी दूरी हवा में मार करने वाली मिसाइल निर्माण शामिल हैं। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र, कम वजन वाला उन्नत टॉर्पीडो, लड़ाकू विमानों को मिसाइल की चेतावनी देने वाली दोहरे रंग की प्रणाली तैयार करने की परियोजना भी लटकी हुई है। परियोजनाएं पूरी करने के लिए महत्वपूर्ण पुर्जो की डिजाइन तैयार करने और उन्हें विकसित करने के लिए डीआरडीओ और उत्पादक एजेंसियों के काम करने वालों का समूह बनाया जा रहा है। इनके बीच बार-बार बैठकें कराकर बेहतर समन्वय के साथ मिलकर काम करने को बढ़ावा दिया जा रहा है। जेटली ने यह भी कहा कि यह धारणा कि डीआरडीओ इस वजह से पिछड़ रहा है कि सरकार पर्याप्त सहायता नहीं कर रही है, हो सकता है कि बिल्कुल सही नहीं हो। रक्षा क्षेत्र में 49 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत देने के बारे में उन्होंने कहा कि इसका मकसद भारत का नियंत्रण बनाए रखते हुए देश में सर्वोत्तम तकनीक लाना है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा उत्पाद खरीददार है, देश को इस स्थिति बाहर लाना होगा। डीआरडीओ के किसी विदेशी निजी कंपनी से मिलकर काम करने पर सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षो में डीआरडीओ से इस्तीफा देने वालों की संख्या में कमी आई है। एफडीआइ सीमा 49 फीसद करने का मकसद सर्वोत्तम तकनीक पाना जेटली का जवाब :
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