अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। डीआरडीओ की रक्षा इलेक्ट्रोनिक अनुप्रयोग प्रयोगशाला (डील) में हुए अग्निकांड की नए सिरे से शुरू हुई जांच की आंच में कुछ अधिकारी झुलस सकते हैं। संगठन के अग्नि, विस्फोटक तथा पर्यावरण सुरक्षा केंद्र (सीफीस) तिमरपुर के तीन विशेषज्ञों को अग्निकांड से संबंधित कुछ खामियां मिली हैं। सूत्रों की माने तो लापरवाही के आरोप में कुछ वैज्ञानिकों की जवाबदेही सुनिश्चित हो सकती है।
डील में बीती चार जनवरी को हुए अग्निकांड के लिए चार सदस्यीय जांच टीम ने रिपोर्ट तैयार की थी। संस्थान ने नौ जनवरी को जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी। डील के अपने स्तर पर हुई जांच में मामले में लापरवाही मान कर किसी भी अधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित नहीं की गई। इस जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर यहां पहुंचे सीफीस के तीन वैज्ञानिक दो दिन से जांच कर रहे हैं। जांच का मुख्य बिंदु डील में लगी आग से संस्थान की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कंपेटिबिलिटी (ईएमआईईएमसी) टेस्टिंग लैब को भारी क्षति पहुंचाने के असल कारणों को जानना है। इस टेस्टिंग लैब का इस्तेमाल संस्थान द्वारा तैयार किए गए उपकरणों के अलावा सेना के लिए अन्यत्र तैयार होने वाले उपकरणों के प्रमाणीकरण के लिए किया जाता था।
दोबारा जांच को लिखा था पत्र
स्थानीय भाजपा नेता रविंद्र जुगरान के पत्र पर रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने डील से जवाब तलब किया था। भाजपा नेता के पत्र में डील ही नहीं बल्कि अन्य प्रयोगशालाओं में अग्निशमन की व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़ा किया गया था।
रक्षा मंत्रालय के आदेश पर घटना के एक माह बाद दोबारा जांच शुरू
एक महत्वपूर्ण टेस्टिंग लैब के जलने में सुनिश्चित होगी जवाबदेही
admin says
As per sources said that the first inquiry report submitted by DEAL was signed by Sh V P Dutta, Chairman of inquiry committee, there was no signature obtained from any of the team member and there was no approval signature of Director R C Agarwal on said report. DEAL management not given any importance to inquiry of fire incident.
Jay Hind says
Dear Sir,
DRDO Expert corruption team finding fire inquiry as per report government loss 2.2 k but our power behind corrupt system lab purchase 1.5 k equipment but last 6 year this equipment keep in not use condition after one year this equipment hand over to condemnation board as per DRDO policy DPP 2006.This equipment purchase by A.S.Rao.