सेवा में,
श्रीमान राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
104, साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली
श्रीमान,
भर्ती एवं मूल्यांकन केंद्र ( आर ए सी ) रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय, तिमारपुर, दिल्ली में जुलाई 2019 में अनुबंध के आधार पर डाटा एंट्री ऑपरेटर और एमटीएस की भर्ती की गयी ! जिसमे काफी संख्या में आवेदन आए जिन्हे साक्षात्कार के लिए 29 जुलाई और 30 जुलाई 2019 को बुलाया गया ! रूम नंबर 301 ( श्रीमति सुनीता वढेरा ) में साक्षात्कार हुए ! जिसमे काफी संख्या में आवेदको ने भाग लिया ! इस भर्ती में जो भी आवेदक साक्षात्कार के लिए आए उन्हे बाद में कोई सूचना नहीं दी गयी और ना ही उन्हे कोई कारण बताया गया की उनका चयन क्यों नहीं हुआ !
अजय कुमार, पूर्व डाटा एंट्री ऑपरेटर, भर्ती एवं मूल्यांकन केंद्र ( आर ए सी ) रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय, तिमारपुर, अनुभव 16 वर्ष,( आर ए सी – 1998-2001, 2003- 2016) मैंने पूर्व निदेशक श्री आइ सी शर्मा, पूर्व निदेशक श्री प्रसाद सर , पूर्व निदेशक जेठी सर , पूर्व निदेशक डॉ अरुण कुमार, पूर्व निदेशक श्री रिशभ कुमार जैन और पूर्व निदेशक श्री सुधीर गुप्ता इन सबके साथ भी काम किया है ! 30 जुलाई 2019 को 12.10PM रूम नंबर 301 में साक्षात्कार दिया ! लेकिन नौकरी के लिए नहीं बुलाया गया ! जब उसका कारण पूछा तो सुनीता वढेरा मैडम, रूम नंबर 301 मे मुझे बताया गया की आपका आवेदन स्वीकार कर लिया गया था लेकिन अशोक कुमार शर्मा, साइंटिस्ट ‘ई’ , रूम नंबर 414 ने आपका आवेदन अस्वीकार कर दिया लेकिन कारण कोई नहीं बताया गया ! ये सिर्फ मेरे ही नहीं और जो कैंडिडैट साक्षात्कार के लिए आए थे उनके साथ भी धोखा है !
लेकिन बाद में पता चला की ( अशोक कुमार शर्मा और वर्तमान निदेशक सुशील वर्मा ) द्वारा इस भर्ती में इन लोगो ने अपने जान पहचान वाले और अपने रिश्तेदारों का चयन किया है इसलिए इन्होने मेरा चयन नहीं किया ! इसमे इन्होने 3 कैंडिडैट निदेशक सुशील वर्मा के जान पहचान के है ! दो कैंडिडैट जो की गर्ल्स है वो अशोक कुमार शर्मा की बेटी की सहेली है जो रूम नंबर 412 मे बैठती है ! एक कैंडिडैट संचिन सिंह साइंटिस्ट की जान पहचान का है और भी कई कैंडिडैट जिनका चयन इन्होने किया है इसी कार्यालय में कार्यरत ऑफिसर और स्टाफ ( स्टोर ऑफिसर ) के रिस्तेदार और जान पहचान वाले है जिनके जान पहचान नहीं थी उन्हे नहीं लिया गया !
इस भर्ती की सबसे खास बात ये है की जिस ठेकेदार को ठेका दिया गया है उसके किसी भी कैंडिडैट का चयन शायद ही किया गया हो ! इन्होने अपने रिस्तेदारों और जान पहचान वालों को भर्ती करने के लिए ही ये कांट्रैक्ट लिया था ! जितने भी कैंडिडैट साक्षात्कार के लिए आए थे ठेकेदार को उनके बारे मे पता ही नहीं था क्यूंकी साक्षात्कार के समय सिर्फ आर ए सी स्टाफ ही था ठेकेदार वहाँ पर मौजूद है नहीं थे ! इसकी भी जांच होनी चाहिए की ठेकेदार ने कितने कैंडिडैट भेजे थे और कितनों का चयन हुआ है !
इस भ्रष्टाचार में इस कार्यालय के कई ऑफिसर और कर्मचारी संलिप्त है जिसके जांच होनी चाहिए !
- 16 वर्षो तक आर ए सी में डाटा एंट्री ऑपरेटर का कार्य करने के बाद 31 जनवरी 2016 में जब हमारा कांट्रैक्ट समाप्त किया गिया तब के तत्कालीन निदेशक (डाइरेक्टर) सुधीर गुप्ता द्वारा बताया गया की अब हमारा सारा कार्य ऑनलाइन होता है इसलिए अब हमे डाटा एंट्री ऑपरेटर की जरूरत नहीं है !
- 3 वर्ष के बाद ऐसा क्या हुआ की वहाँ पर 05 डाटा एंट्री ऑपरेटर की जरूरत आन पड़ी ! जब की हम तो सिर्फ दो डाटा एंट्री ऑपरेटर ही पिछले काफी वर्षो से कार्यरत थे जब हमारी ही जरूरत नहीं थी तो इतने डाटा एंट्री ऑपरेटर की क्या जरूरत आन पड़ी ! सब कार्यालय ऑनलाइन कार्य कर रहे है तो क्या आर ए सी अब ऑफलाइन कार्य कर रही है ! ये तो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की डिजिटल इंडिया मूवमेंट को बर्बाद करने पे तुले है क्या ऐसे ही इंडिया डिजिटल होगा !
- इस कार्यालय में चपरासी, एमटीएस काफी मात्रा में है लेकिन ऐसी क्या जरूरत पड़ी की इनको 07 एमटीएस अनुबंध आधार पर लेने पड़े ! ऐसा कितना कार्य होने लगा अचानक इस कार्यालय में ये भी जांच का विषय है !
- मुझे एसएमएस और फोन कॉल करके आर ए सी में साक्षात्कार के लिए बुलाया गया लेकिन अशोक कुमार शर्मा के मना करने पर मेरा चयन नहीं किया गया क्यों ?
- अशोक कुमार शर्मा जो पहले इनमास में कार्यरत थे वहाँ भी इन्होने ऐसा ही कार्य किया होगा इनकी पिछले कार्यालय की भी जांच होनी चाहिए ! क्योंकि कुछ कैंडिडैट इनमास के है तथा कुछ एसएसपीएल (SSPL) के जो इनकी जान पहचान के है ये भी पता लगाया जाना चाहिए की इन दोनों ऑफिस में ये कैंडिडैट किसके कहने पर वहाँ से आर ए सी में बुलाये गए है !
- जितने भी डाटा एंट्री ऑपरेटर और एमटीएस का चयन हुआ है उन सबकी भी जांच होनी चाहिए की क्या इनमे से कुछ कंडीडटेस अशोक कुमार शर्मा के साथ दूसरे कार्यालयो में भी कार्य कर चुके है !
- उन सबके अनुभव और उनकी शिक्षा का स्तर की भी जांच होनी चाहिए !
- ठेकेदार ने कितने कंडीडटेस भेजे थे और कितने ऑफिस स्टाफ के है इसकी भी जांच होनी चाहिए !
- ठेकेदार की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि इस ठेकेदार को ठेका किस आधार पर दिया गया है और कितने ठेकेदारो ने यहाँ पर ठेके के लिए आवेदन दिया था ! ये ठेकेदार अशोक कुमार शर्मा या स्टोर इंचार्जे इन दोनों मे से किसकी जान पहचान का है !
अतः आपसे अनुरोध है की इस कार्यालय में व्यापक पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार की जांच की जाए ! जब तक ऐसे ऑफिसर और कर्मचारी होंगे तब तक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाया अभियान सफल नहीं हो सकता !
धन्यवाद
अजय कुमार
पूर्व डाटा एंट्री ऑपरेटर, आर ए सी,
पता : हाउस नंबर 491, तकिया चौक
गाँव बुराड़ी, दिल्ली – 110084
कॉपी :
- PMO, Room No -152, South Block, New Delhi – 110011
- Sh. Rajnath Singh, Raksha Mantri, 104, South Block ,( rmo@mod.nic.in)
- PS to RM, 105 South Block
- Dr. G. Satheesh Reddy, SA to RM, Secretary, Dept. of Defence R&D and Chairman, DRDO
- Director, Dte of Vigilance & Security, DRDO, Min of Defence
- Shri BP Sharma, Chairman RAC
- Shri Prabhu Dandriyal, ( prabhudoon@gmail.com ), Curruption in DRDO
- jagrancorp@jagran.com, mail@indiatvnews.com
Ajay Kumar says
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